नमस्ते दोस्तों, आज मैं आपको 2 ऐसी habits बताने वाला हूँ ,जो सफलता की गारंटी है | दोस्तों, मैं अपने करियर के दौरान बहुत सारे सफल अमीर लोगों से मिला, उनमे से बहुत से ऐसे थे जिन्होंने मुझे अपनी mentorship दी और बहुत कुछ सिखाया | सारे कामयाब लोगों में 2 ऐसी habit दिखी जो कि सबमे निश्चित रूप से थी |
दोस्तों, अगर आप इस Blog को पढ़ रहे है, तो इसका मतलब है कि आप भी बदलना चाहते है | अगर आप गृहणी है, तो आपके मन में ये इच्छा है कि आप खली समय का उपयोग करके कुछ अच्छा करें | अगर आप विद्यार्थी है तो “अच्छे-मार्क्स” प्राप्त करना चाहते है, “अच्छे-Grades” लाना चाहते हैं , और दूसरो के लिए एक मिशाल बनना चाहते है | अगर आप एक businessman है, तो business को उस मुकाम पर ले जाना चाहते है कि हर किसी की आँखों के तारे बन जाये | दोस्तों, यही सब कुछ ये ब्लॉग आपको सिखाएगा,|
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यहां मैं आपको कुछ secrets बताने वाला हूँ ,कुछ ऐसे विचार जो कि “नार्मल motivation” और strategy के session में नहीं बताये जाते है, इसलिए मैं ये चाहूंगा कि आप इस blog को कई बार पढ़े, बार-बार पढ़े और उन concepts को समझने की कोशिश करें -
आप हमारा Rules of Subconscious Mind power का BLOG भी देखा सकते है |
१) SUCCESSFUL PERSON ARE READY TO BE UNCOMFORTABLE
दोस्तों, “Uncomfortable(असहज)” होना, comfort(आराम) zone(परिसर) से बाहर आना, डर के आगे ही जीत है , ऐसी कई बाते हम समझ चुके है | आइये आज गहराई में जाते हैं और समझते है कि कैसे इसको अपनी Life में, हम अमल कर सकते हैं |
दोस्तों, इसको ऐसे समझिये –
- 1एक लड़की है, उसकी शादी होने वाली है, लड़का अपने परिवार के साथ उसको देखने के लिए आने वाला है, लड़की को उस क्षण क्या हो रही है ? घबराहट , डर |
- 2एक businessman है, वो business को शुरू करने वाला है, उसको ये लग रहा है-client कैसे आयेंगे ? कैसे sales होगी ? ये है क्या घबराहट और डर |
- 3एक विद्यार्थी है, exam(परीक्षा) देने जा रहा है, परीक्षा में उसका paper आने वाला है, उसने तैयारी बहुत अच्छे से कर रखी है पर फिर भी उसके अंदर क्या हो रही है ? घवराहट, डर |
दोस्तों हमे इसको समझना होगा हमारा माइंड, हमारी बॉडी, हमारी Consciousness(चेतना) कैसे काम करती है ? अगर नहीं समझेंगे तो इसी तरह से असफल होते रहेंगे, और अपने talent को और अपनी energy(ताकत) को नष्ट करते रहेंगे |
तो हम समझते है, ये आखिर क्यों होता है ? क्योकि हमारा brain “Reptilian brain(सरीसृप मस्तिष्क)” से विकसित हुआ है, छिपकली को देखो ,उसके व्यवहार को देखो | वो हमेशा छुपना चाहती है, डरती रहती है, क्योकि वो हमेशा खतरों से बचना चाहती है | उसी तरह से हमारा दिमाग भी अंजानी घटनाये या unknown zone में नहीं जाना चाहता है | इसीलिए MIND कुछ NEW या अलग करने से डरता है |
एक छोटा सा बच्चा है और उसके सामने ४-5 आदमी खड़े हैं, गोद लेने के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं, बच्चा किसके पास जाएगा, उसी के पास जायेगा जिसको कि वो पहचानता है, ये हमारे “Reptilian brain(सरीसृप मस्तिष्क)” में छपा हुआ है कि हम परिचित या KNOWN के पास ही रहना चाहते है | हम उन्ही लोगो के साथ रहेंगे जिनके साथ हम रह रहे हैं, वही काम करेंगे जो हम daily life में करते हैं, वैसे ही thought(विचार) सोचेंगे जो हम सोचते है तो क्या होगा ? हमे वहीं परिणाम (result) मिलेगा और हमारी ज़िन्दगी “जस की तस रहेगी” |
हम इस genius के उदाहरण को अगर देखे-
- 1”Elon MUSK” के ३ rocket गिर गए थे, अब वो चौथे में पैसा लगाते तो पूरी तरह से बर्बाद हो सकते थे पर उन्होंने ये फिर भी किया और चौथे में वो सफल हो गए |
- 2उसी तरह से “राजकपूर”, उन्होंने ६ साल तक मेहनत कि और "मेरा नाम है जोकर" मूवी बनाई | वो FILM बुरी तरह से पिट गयी | इसके चलते उनको अपना घर और studio तक को गिरवी रखना पड़ गया था फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और आगे आये और सफलता हाशिल कि |
तो ये शक्ति हम कैसे develop(विकसित) कर सकते है ? अभी मैंने आपको बताया, “Reptilian brain(सरीसृप मस्तिष्क)” के बारे में | लेकिन हमारे पास एक और brain(दिमाग ) है, वो है “Mammalian brain(स्तनधारी मस्तिष्क)” | जो कि हमको आगे बढ़ने, सफल होने, कुछ नया करने लिए प्रेरित करता है | जब हम अपने आप को ये स्मरण दिलाते है कि हमारे अंदर “Prefrontal Cortex” भी है, जो कि नए बिचारो को सोच सकता है और डर से मुकावला कर सकता है , यही वो क्षण है जब हम डर के मायाजाल को काटकर महानता का चुनाव कर रहे हैं | उसी तरह यदि हम डर के माहोल में ज्यादा देर तक बिना हारे डटे रहें और लगातार नए अच्छे विचारो को लाने कि कोशिश करे तो ये डर, comfort zone हमेशा के लिए ख़त्म हो जाता है |
इसे Practically समझते हैं, रोज सुबह या शाम में जब भी आपको Time मिले, खुद से ये पूछो- आज मैं नया क्या सीख सकता हूं ? आज में करियर के लिए नया क्या कर सकता हूं ? आज में नया क्या सोच सकता हूं ? आज मैं नया क्या पढ़ सकता हु ? जब इस तरह से आप आपने विचारो को सुनोगे तब आपका brain अपरिचित के साथ भी सहज महसूस करेगा और आपका brain तब नए-नए विचार भी देना शुरू कर देगा, तब आपका brain जो कार्य आपने कभी नहीं किया है उसके लिए आपको प्रेरणा देगा, शक्ति भी प्रदान करेगा | सच में ये बहुत भी beautiful concept(सिद्धांत) है, और इसे मैंने अपनी लाइफ में आजमाया है और में ये चाहता हूँ कि आप भी ये अजमाकर अपनी LIFE में successful(सफल) बनो |
आप हमारा Break limiting believes का BLOG भी देखा सकते है |
२) "ABILITY TO BOUNCE BACK"
मतलब गिरे तो फिर से खड़े हो जाना, किसी ने क्या खूब कहा- "अगर आपकी गांठ दसवीं बार खुल जाती है तो क्या करना चाहिए" ग्यारहवीं बार बांधो और यहीं उनकी ability(स्कक्षमता) होती है, consistent होने(डटे रहने की हर परिस्थिति में) की | अगर आप example देखो-
- 1”Colonel sanders” जो KFC के मालिक है, उन्होंने बुढ़ापे में जब वो retire हो गए थे | तब उन्होंने अपने business idea’s को promote करना शुरू किया | उनको कोशिश करते समय 10000 बार असफल होना पड़ा | उसके बाद वह सफल हुए, लेकिन जब सफल हुए तो आज KFC एक इतिहास है |
- 2दोस्तों, “EDISON” के example को तो आप जानते हैं में फिर से बताना नहीं चाहता | आपको बोर नहीं करना चाहता |
आप इस बात को समझे, आपके अंदर एक चेतना(consciousness) है | जो कि सीखना चाहती है कुछ बड़ा करना चाहती है और किसी भी काम को सीखने के कुछ नियम होते है |
जब आप तैरना सिखते है, तो उसके निमयों(दिशा निर्देशो) को समझते हो -
- 1तो पहला निर्देश ये है कि आप तैरने के खेल में आप comfortable होते है |
- 2दूसरा निर्देश ये है कि आप पानी के साथ comfortable होने के बाद उसके rule समझते है, ऐसे चलोगे तो गिर जाओगे, ऐसे हाथ म|रना है, ऐसे पैर मारना है |
- 33rd कि आप थोड़ा बहुत तैर सकते हो |
- 44th स्टेप होता है कि आप पूरी तरह से कितनी भी दूर, कितनी भी देर तैरने के लिए तैयार हो जाते हो |
ये ही Business के साथ, स्टडी के साथ, किसी नए विचार के साथ, किसी प्रोजेक्ट के साथ भी सच है | लेकिन आपको इसके लिए गेम में बार-बार शो-अप करना पड़ेगा, बार-बार गिरने के बावजूद खड़े होना पड़ेगा और हर बार जब आप खड़े होंगे तो नई learning, experience(अनुभव) , Idea’s(विचार) को आपने अंदर आत्मसात कर रहे होंगे | असफल लोग गिरने के बाद उस काम को छोड़ देते है और सोचते है, ये मेरे लिए नहीं है, किस्मत ने मेरा साथ नहीं दिया और यहीं कारण है कि 95% Business starting(3-4 years) में ही बंद हो जाते हैं | उसका कारण यही है, लेकिन जो consistent(स्थिर) रहते है, वो बहुत कुछ सीखते है |
इसको कैसे practically apply करना है, ये सोचिये आपके अंदर एक चेतना है जो कि आगे बढ़ना चाहती है और कुछ सीखना चाहती है | वो कुछ भी सिख और सकती है लेकिन आपको उसे सीखने के लिए निश्चित समय देना पड़ेगा, proper सीखने का मौका देना पड़ेगा | हर बार आप जब गिर कर उठते है उसे हार न कहे, उसे ये कहे कि ये एक- सबख है,Learning है, Lession है उसी समय आपकी Consciousness(चेतना) उसमे से जो भी positive(सकारात्मक) है उसे अपने अंदर आत्मसात करती है |
धीरे-धीरे ये knowledge pile-up(इकठ्ठी) होने लगती है और आप अपने खेल के माहिर खिलाड़ी बन जाते हो | चाहे गेम कोई सा भी हो याद रखना आपकी चेतना, उसको सिखा सकती है और वो ही state(समय) होता है, जब आप सफल कहे जाते हैं, तब लोग आपके काम को देख कर कहते है, Wow!! "What a painting", तब आपके business पर सबकी नजर होती है कि Wow!! "आपने कैसे कर दिया", तब आप ऐसे Student बन जाते है जब Teacher भी आपसे बोलती है Wow!! "ये आपने कैसे कर दिया", वाह!! "आपकी style बहुत unique है" |
दोस्तों, मेरा प्रयास यही है, मैं आपको कुछ ऐसे concept(सिद्धांत) दू, ऐसे Idea’s(विचार) दू जिसके सहारे कि आप अपनी Life(जिंदगी) को बदल सके | आप अपने consciousness(चेतना) को Develop(विकसित) करें, वो ability(शक्ति) आपके आपके अंदर already विकसित है, मैं उसे motivate नहीं करना चाहता, मैं बस चाहता हु कि ये आपके अंदर पहले से ही है, आप इस dimension को accept करे और उस पर काम करना शुरू करे | दोस्तों, अगर आपको ये “BLOG Post” पसंद आये तो आप मुझे भी encourage कर सकते हैं, एक छोटा सा comment करके, कि आपको इसमें क्या पसंद आया, आपने मेरे से क्या सीखा | अगर आपको पसंद आया तो आप इस “BLOG” को आगे अपने दोस्तों तक जरूर forward करें |
Thank You
Dr Peeyush Prabhat
Superb sir.thankyou so much
Very nice and guiding